तू-किसी-और-की-थी
प्यार एक ऐसा एहसास है जो हर किसी को नहीं मिलता और अगर मिल भी जाए तो हमेशा निभाया नहीं जाता। इस मोहब्बत
में सबसे ज्यादा तकलीफ़ तब होती है जब वो इंसान जिसे हमने टूटकर चाहा था हमारे पास लौटता है मगर तब जब वो किसी
और का हो चुका होता है ऐसे में एक ही सवाल दिल में बार-बार उठता है
तू किसी और की थी तो मेरे पास आई क्यों
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ह शायरी सिर्फ अल्फाज़ नहीं है बल्कि एक टूटी हुई आत्मा की पुकार है आइए इस सवाल को शब्दों में ढालते हैं और मोहब्बत की उस पीड़ा को महसूस करते हैं
जब अतीत लौट आए
तू किसी और की थी तो मेरे पास आई क्यों
जिस रास्ते से गई थी उसी पर फिरसे आई क्यों
वो यादें जो मर चुकी थीं वक्त की धूल में
उन्हें फिरसे सांसें देने आई क्यों वो
खामोशियां जो अब आदत बन चुकी थीं
उन्हें लफ्ज़ों में बदलने आई क्यों
-
तूफ़ान की तरह फिर लौटना
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तेरे लौट आने से फिर वो दर्द जाग उठे
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जो मैंने समय के मरहम से धीरे-धीरे भरे थे
तू किसी और की थी फिर भी मेरे दरवाजे पर क्यों खड़ी है
क्या फिर से मेरे टूटे दिल को आज़माने आई है अगर तुझे जाना ही था किसी और के साथ
तो मेरी दुनिया में लौटकर फिर से ये तूफ़ान क्यों लाना
रातें जो फिर बेचैन हो गईं
तेरे जाने के बाद मैंने हर रात खुद को समेट लिया था।
तेरे ख्वाबों को बंद दराज़ में रख दिया था
अब जब तू लौटी है
तो वही ख्वाब फिरसे आंखों में दस्तक देने लगे हैं
तू किसी और की थी तो मेरे पास आई क्यों
क्या मेरी अधूरी मोहब्बत की कहानी को
फिरसे अधूरा बनाने आई है
जब मोहब्बत सवाल बन जाए
तेरे कदमों की आवाज़ अब भी दिल में गूंजती है
पर अब वो आवाज़ राहत नही उलझन बन गई है
तेरे लौट आने से मेरा सुकून मुझसे रूठ गया है
और अब हर धड़कन पूछती है
तू किसी और की थी तो मेरे पास आई क्यों
कभी तूने सोचा
जिसे तू भुला के गई थी वो आज भी वहीं रुका है
जब लौट आने का मतलब धोखा बन जाए
तेरी आंखों में अब भी वही मासूमियत है
पर तेरा आना अब मासूम नहीं लगता
क्या ये सिर्फ एक इत्तेफ़ाक है
या कोई अधूरा रिश्ता है जो खुद को पूरा करना चाहता है
पर क्या प्यार ऐसा होता है
जहां तू किसी और की हो फिर भी मेरे पास लौटे
क्योंकि अगर प्यार सच्चा होता
तो छोड़कर कभी नहीं जाती
दिल और दिमाग का द्वंद
दिल कहता है उसे फिरसे अपना बना लूं
पर दिमाग सवाल करता है क्या तू दोबारा जा नहीं सकती
दिल रोता है याद करता है तेरे साथ बिताए पल
लेकिन दिमाग चीखता है तू किसी और की थी तो मेरे पास आई क्यों
क्या ये मोहब्बत है या मेरी भावनाओं के साथ खेल
अधूरी कहानियों की तकदीर
तेरे साथ बिताए लम्हे अब अफ़साना बन चुके हैं
तेरी यादें किताब के उस पन्ने की तरह हैं
जिसे बार बार पढ़ने का मन करता है
लेकिन उसमें सिर्फ दर्द ही मिलता है
तू किसी और की थी तो मेरे पास आई क्यों
क्या मेरी कहानी में फिरसे अधूरा किरदार निभाने आई है
अंतिम एहसास Ending Emotion
अगर तू अब भी मुझसे कुछ चाहती है
तो साफ़ कह झूठे इशारों में मत उलझा
अगर सिर्फ देखना चाहती है कि मैं अब भी तुझसे मोहब्बत करता हूं
तो जान ले हां करता हूं
पर अब सवाल मोहब्बत का नहीं
सवाल खुद्दारी का है आत्मसम्मान का है
क्योंकि तू किसी और की थी तो मेरे पास आई क्यों
जब मैं अपनी टूटी हुई दुनिया में जीना सीख गया था
तब तू उसे फिरसे तोड़ने क्यों आई
अगर यह शायरी आपके दिल को छू गई हो तो इसे शेयर करें ताकि कोई और टूटा हुआ दिल भी खुद को अकेला न समझे।
प्यार जब लौटता है तो अक्सर सब कुछ बदल चुका होता है दिल वो नहीं रहता जो कभी सिर्फ उसी के लिए धड़कता था जब कोई जिसे हम टूटकर चाहते थे किसी और का होकर लौटे तब सबसे बड़ा सवाल यही होता है
तू किसी और की थी तो मेरे पास आई क्यों
क्या वो अफ़सोस है
क्या अधूरा प्यार फिरसे मुकम्मल करना चाहती हो
या सिर्फ ये जानना चाहती हो कि कोई अब भी तुझे वैसा ही चाहता है
इस सवाल में सिर्फ तड़प नहीं बल्कि एक पूरी अधूरी मोहब्बत की कहानी छुपी होती है कुछ सवालों के जवाब नहीं होते लेकिन वो सवाल ज़िंदगीभर दिल में गूंजते हैं
तू किसी और की थी तो मेरे पास आई क्यों
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