तू किसी और की थी... तो मेरे पास आई क्यों लाइन के साथ

तू-किसी-और-की-थी

प्यार एक ऐसा एहसास है जो हर किसी को नहीं मिलता  और अगर मिल भी जाए तो हमेशा निभाया नहीं जाता। इस मोहब्बत
में सबसे ज्यादा तकलीफ़ तब होती है जब वो इंसान जिसे हमने टूटकर चाहा था हमारे पास लौटता है  मगर तब जब वो किसी 

और का हो चुका होता है ऐसे में एक ही सवाल दिल में बार-बार उठता है 

 तू किसी और की थी तो मेरे पास आई क्यों

Table of Contents

  • ह शायरी सिर्फ अल्फाज़ नहीं है बल्कि एक टूटी हुई आत्मा की पुकार है आइए  इस सवाल को शब्दों में ढालते हैं और मोहब्बत की उस पीड़ा को महसूस करते हैं

  जब अतीत लौट आए

तू किसी और की थी  तो मेरे पास आई क्यों

जिस रास्ते से गई थी उसी पर फिरसे आई क्यों

  • वो यादें जो मर चुकी थीं वक्त की धूल में

उन्हें फिरसे सांसें देने आई क्यों वो

खामोशियां जो अब आदत बन चुकी थीं

  • उन्हें लफ्ज़ों में बदलने आई क्यों

  • तू किसी और की थी  फिर भी मेरे दरवाजे पर क्यों खड़ी है

  • क्या फिर से मेरे टूटे दिल को आज़माने आई है अगर तुझे जाना ही था किसी और के साथ

  • तो मेरी दुनिया में लौटकर फिर से ये तूफ़ान क्यों लाना

  • रातें जो फिर बेचैन हो गईं

  • तेरे जाने के बाद  मैंने हर रात खुद को समेट लिया था।

  • तेरे ख्वाबों को बंद दराज़ में रख दिया था

  • अब जब तू लौटी है

  • तो वही ख्वाब फिरसे आंखों में दस्तक देने लगे हैं

  • तू किसी और की थी  तो मेरे पास आई क्यों

  • क्या मेरी अधूरी मोहब्बत की कहानी को

  • फिरसे अधूरा बनाने आई है

  • जब मोहब्बत सवाल बन जाए

  • तेरे कदमों की आवाज़ अब भी दिल में गूंजती है

  • पर अब वो आवाज़ राहत नही उलझन बन गई है

  • तेरे लौट आने से मेरा सुकून मुझसे रूठ गया है

  • और अब हर धड़कन पूछती है

  • तू किसी और की थी  तो मेरे पास आई क्यों

कभी तूने सोचा

जिसे तू भुला के गई थी  वो आज भी वहीं रुका है

जब लौट आने का मतलब धोखा बन जाए

तेरी आंखों में अब भी वही मासूमियत है

पर तेरा आना अब मासूम नहीं लगता

क्या ये सिर्फ एक इत्तेफ़ाक है

या कोई अधूरा रिश्ता है जो खुद को पूरा करना चाहता है
पर क्या प्यार ऐसा होता है
जहां तू किसी और की हो  फिर भी मेरे पास लौटे
क्योंकि अगर प्यार सच्चा होता
तो छोड़कर कभी नहीं जाती
दिल और दिमाग का द्वंद
दिल कहता है उसे फिरसे अपना बना लूं
पर दिमाग सवाल करता है  क्या तू दोबारा जा नहीं सकती
दिल रोता है  याद करता है तेरे साथ बिताए पल
लेकिन दिमाग चीखता है  तू किसी और की थी तो मेरे पास आई क्यों
क्या ये मोहब्बत है या मेरी भावनाओं के साथ खेल
अधूरी कहानियों की तकदीर
तेरे साथ बिताए लम्हे अब अफ़साना बन चुके हैं
तेरी यादें किताब के उस पन्ने की तरह हैं
जिसे बार बार पढ़ने का मन करता है
लेकिन उसमें सिर्फ दर्द ही मिलता है
तू किसी और की थी  तो मेरे पास आई क्यों
क्या मेरी कहानी में फिरसे अधूरा किरदार निभाने आई है
अंतिम एहसास Ending Emotion
अगर तू अब भी मुझसे कुछ चाहती है
तो साफ़ कह झूठे इशारों में मत उलझा
अगर सिर्फ देखना चाहती है कि मैं अब भी तुझसे मोहब्बत करता हूं
तो जान ले  हां करता हूं
पर अब सवाल मोहब्बत का नहीं
सवाल खुद्दारी का है आत्मसम्मान का है
क्योंकि तू किसी और की थी तो मेरे पास आई क्यों
जब मैं अपनी टूटी हुई दुनिया में जीना सीख गया था
तब तू उसे फिरसे तोड़ने क्यों आई
अगर यह शायरी आपके दिल को छू गई हो तो इसे शेयर करें  ताकि कोई और टूटा हुआ दिल भी खुद को अकेला न समझे।
प्यार जब लौटता है तो अक्सर सब कुछ बदल चुका होता है दिल वो नहीं रहता जो कभी सिर्फ उसी के लिए धड़कता था जब कोई जिसे हम टूटकर चाहते थे किसी और का होकर लौटे  तब सबसे बड़ा सवाल यही होता है
तू किसी और की थी तो मेरे पास आई क्यों
क्या वो अफ़सोस है
क्या अधूरा प्यार फिरसे मुकम्मल करना चाहती हो
या सिर्फ ये जानना चाहती हो कि कोई अब भी तुझे वैसा ही चाहता है
इस सवाल में सिर्फ तड़प नहीं बल्कि एक पूरी अधूरी मोहब्बत की कहानी छुपी होती है कुछ सवालों के जवाब नहीं होते लेकिन वो सवाल ज़िंदगीभर दिल में गूंजते हैं
तू किसी और की थी  तो मेरे पास आई क्यों
शायद ये सिर्फ एक लाइन नहीं  एक टूटा हुआ इतिहास है  जो आज भी अधूरा है

 

 निष्कर्ष 
ये शायरी उन लोगों की आवाज़ है जो अधूरे प्यार में भी सच्चे रहे  तू किसी और की थी  तो मेरे पास आई क्यों  एक सवाल है  एक चीख है और एक ऐसी सच्चाई है जिसे शब्दों में ढाल पाना आसान नहीं। लेकिन इस ब्लॉग ने उस दर्द को पूरी शिद्दत से बयां किया है

By satyam

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7 thoughts on “तू किसी और की थी. तो मेरे पास आई क्यों – सच्चे प्यार की सबसे गहरी”
  1. […] Breakup Hone Ke Baad Kya Karna Chahie – जब दिल टूटे  तो रास्ता खुद बनाना पड़ता है प्रस्तावनाजब जो दिल के सबसे करीब हो  वही दूर चला जाए  तो ज़िंदगी अपनी ही आवाज़ से अजनबी लगने लगती है। मुस्कानें मायने खो देती हैं और यादें चुभने लगती हैं […]

  2. […] सावन मास का सबसे बड़ासंदर्भ समुद्र मंथन से जुड़ा है। जब देवता और दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया  तो उससे अनेक रत्नों के साथ-साथ एक भीषण विष निकला – हलाहल। यह विष संपूर्ण सृष्टि को विनाश की ओर ले जा सकता था। तभी भगवान शिव ने संसार की रक्षा हेतु उस विष को अपने कंठ में धारण कर लिया और नीलकंठ कहलाए। ऐसा माना जाता है कि यह घटना सावन के महीने में ही घटी थी  इसलिए यह महीना शिव को अत्यंत प्रिय है। […]

  3. […] हर साल दीपावली के शुभ अवसर पर एक प्रश्न हर भक्त के मन में जरूर आता है – लक्ष्मी पूजा कैसे करें? देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने का सही तरीका क्या है? कौन-कौन से नियम और विधियाँ अपनाई जाएं ताकि माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद हमारे घर-परिवार में बना रहे? […]

  4. […] भारत में धार्मिक परंपराएं हजारों वर्षों से चली आ रही हैं और उनमें सबसे पुराना धर्म है सनातन या जिसे हम आज हिंदू धर्म के नाम से जानते हैं। इसकी सबसे बड़ी विशेषता इसकी विविधता है जहां हर क्षेत्र हर समाज और हर व्यक्ति की अलग-अलग आस्था हो सकती है लेकिन सभी एक मूल सत्य को ही मानते हैं। अक्सर लोगों के मन में यह प्रश्न आता है कि हिंदू धर्म में कितने देवी-देवता हैं क्योंकि यहां हम अलग-अलग रूपों में भगवान को पूजते हैं। यह सवाल सिर्फ संख्या का नहीं बल्कि संस्कृति विश्वास और दर्शन का है। […]

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